आज रवीश जी ने एक अलग ही विचार प्रकट किया है जो उचित है ब्लॉगर को फुटबॉलर कहें, यकीनन उनके मन में उपजी इस बात को कई लोगों ने समझा होगा यां नहीं लेकिन ये सच है कि ब्लॉगर और चिट्ठा और पत्रकार के बीच की खाई को पाटने के लिये हमें कोई विकल्प तलाशना होगा जो दर्शित करे कि वो इंटरनेट पर हिन्दी में लिखने वाला प्राणी है जिससे ब्लॉगिंग यानी कि चिट्ठाकारी जनमानस तक पहुँच सके.
मेरा अनुरोध है कि हिन्दी के शीर्ष दिग्गज जैसे बेंगाणी बन्धु,समीर,प्रमोद जी,काकेश जी,द्विवेदी जी,पांडेय जी,अनूप जी,मैथिली जी,रवीश जी,रंजना जी,रचना जी,अरून अरोरा जी और मेरे सभी प्रिय ब्लॉगर भाई-बहनों से ये निवेदन है कि वो सब इस काम में आगे आयें और एक प्रतियोगिता ही आयोजित कर दें
मेरा अनुरोध है कि हिन्दी के शीर्ष दिग्गज जैसे बेंगाणी बन्धु,समीर,प्रमोद जी,काकेश जी,द्विवेदी जी,पांडेय जी,अनूप जी,मैथिली जी,रवीश जी,रंजना जी,रचना जी,अरून अरोरा जी और मेरे सभी प्रिय ब्लॉगर भाई-बहनों से ये निवेदन है कि वो सब इस काम में आगे आयें और एक प्रतियोगिता ही आयोजित कर दें