गुरुवार, 30 अगस्त 2007

तकनीकः माइक्रोसॉफ़्ट ने निकाली नयी तकनीक (वन केयर )

नोटः ये खबर हमारी तेज निगाहों का परिणाम है कहीं से चुरायी हुई नहीं है.क्या पिछले कुछ दिनों से हॉटमेल यूज करने वालों को डिस्प्ले बार में नया दिखायी दिया? नहीं यां आपने गौर नहीं किया है.इसमें माइक्रोसॉफ़्ट की >होम,हॉटमेल,स्पेसेस और वन केयर हैं.वन केयर! जी हाँ ये माइक्रोसॉफ़्ट की एक उच्चस्तरीय तकनीक है किसका भविष्य में यां शायद अब भी कोई सानी...

बुधवार, 29 अगस्त 2007

उफ़! मेरे आगरा को किसकी नजर लग गयी?

आज सुबह-सुबह मेरा आगरा शहर तनाव में आ गया,क्योंकि शहर की फ़िजां खराब हो चुकी थी.चार लोगों की मौत के बाद जब हंगामा होते-होते पहले तोड्फ़ोड् फ़िर लूटपाट और फ़िर दंगे के रूप मे हो लिया तो शहर दहशत में आ गया.पुलिस और प्रशासन बेजान बने रहे और जब तमाशा खत्म होने लगा तो कर्यवाही करने के लिये कुछ बचा ही नहीं था.हमारे "हिन्दुस्तान" अखबार के फ़ोटोग्राफ़र्स...

ब्लॉग पेज को कैसे सजायें : भाग 1

पहला कन्टेंट मरकी स्क्रौलमरकी स्क्रौल ये भी बढिया है आजमाकर देखेंगें ?इसे आप टेम्पलेट ऑप्शन में जाकर एड-ए-पेज-एलिमेंट में एच.टी.एम.एल/जावा स्क्रिप्ट ऑप्शन में जाकर इन कोड्स को पेस्ट कर दें.सुविधानुसार कहीं यां ऊपर नीचे रख सकते हैनीचे दिख रहे कोड को पेस्ट करें यां हूबहू वैसा ही लिखें. जहाँ >TEXT< लिखा है वहाँ अपना संदेश लिखेंअपना संदेश...

सोमवार, 27 अगस्त 2007

सभी ब्लॉगरों के लिये तोहफ़ा मेरी तरफ़् से

आज से मैं अपने तकनीकी पक्ष को भी अपने साथियों के बीच शेयर करूंगा,क्योंकि अगर सुविधायें हैं तो उसका इस्तेमाल भी होना चाहिये जिससे भविष्य में मेरे साथियों को अपना ब्लॉगपेज महत्वपूर्ण लगे. ये सभी गैजेट्स उपयोगी है और इसकी श्रेष्ठता सिध्द भी हो चुकी लेकिन अब हमें इसका हिन्दी चिट्ठाकारी में भी प्रयोग करेंगें ये मेरा मानना है.ये करीब साढे तेरह हजार के करीब गैजेट्स हैं जो किसी के लिये भी काफ़ी हैंये...

रविवार, 26 अगस्त 2007

भगदड़् का पहला शिकार

अभी मैने ठीक से पाँव पसारे ही नहीं थे कि मुझे अपने भगदड़् वाले अंदाज मे लिखने को बाध्य होना पडा. क्योंकि हमें एक मुद्दा मिल गया था और हम उसका श्रीगणेश करना चाहते थे सो हमने भी तपाक से ढंढोरची जी की पोस्ट को लपक लिया और फ़ेंक दिया भगदड़् में अब आगे क्या होगा पता नहीं!तो आईये सीधे चलते है लाइव टेलीकास्ट मेंयहाँ नीचे लिंक दिया हुआ हैhttp://bhagdar.blogspot.com/2007/08/blog-post_5530.h...

भगदड् : अब हम भी जुड् गये हैं

आज किसी अनामदास ने हमें इस ब्लॉग पर पहली पोस्ट लिखने के लिये आमंत्रित किया तो हमें लगा शायद ये नाम और ब्लॉग हम जैसे लोगों के लिये ही बनाया हुआ है जो किसी भी विवाद को तब तक जारी रख सकते है जब तक उसका उचित हल ना निकले। साथ ही साथ हमारे साथियों ने भी इसे हाथों-हाथ लिया है क्योंकि वो सभी लोग भी एक अलग सार्थक मंच चाहते थे। अब ये मंच आगे क्या गुल...

शनिवार, 25 अगस्त 2007

"हिन्दी चिट्ठाकारी दुनियां में आपका स्वागत है"

ये शब्द सुनने को भले ही अच्छे लगते हैं लेकिन हिन्दी के शीर्ष फ़ीड-एग्रीग्रेटरों जैसे- नारद.अक्षरग्राम,चिट्ठाजगत और ब्लॉगवांणी,याहू 360 को अपने वेबसाईटस् को हिट करने और उसकी झूठी रैंकिंग को प्रदर्षित करने के अलावा और बाकी कार्य का समय ही नहीं है.हो सकता है मेरी ये बातें सभी लोगों को बुरी लग रहीं हैं लेकिन क्या कभी भी इन्होने सोचा है कि बेकार के वाद्-विवाद् को आगे बढाने से यां अश्लीलतपन लिये...

शनिवार, 18 अगस्त 2007

सी.डी. को हुये 25 साल

'दुनियाभर में संगीत और कंप्यूटर डेटा को सुरक्षित रखने के क्षेत्र में क्रांति लाने वाली कॉम्पैक्ट डिस्क यानी सीडी ने अपने आविष्कार के 25 साल पूरे कर लिए है.'जर्मनी में फ़िलिप्स और सोनी कंपनियों ने 25 साल पहले संयुक्त रुप से पहली सीडी बनाई थी. तब से अब तक दुनिया भर में लगभग 200 अरब सीडी बिक चुकी हैं. डिज़िटल डाउनलोड की आधुनिक तकनीक के दौर में...

बुधवार, 15 अगस्त 2007

वाह दिमाग हो तो ऐसा

कल पूरे विश्व में एक ही चर्चा थी कि नोकिया जो मोबाईल फ़ोन निर्माता कम्पनी है उसके फ़ोन्स में बैटरी की दिक्कत आ रही है तो यह शायद बहुत से लोगों को उसका आपातकालीन फ़ैसला अच्छा लगा और कुछ लोगों को उसकी मर्केटिंग रणनीति. अभी ये सब चल ही रहा है कि अमेरिका की खिलौना कम्पनी मटैल ने (यहाँ पढें) अपने सारे खिलौने पूरे विश्व से वापस करने की गुहार की है....

रविवार, 12 अगस्त 2007

60 साल भारत: युवा पीढी को क्या मिला?

"आज देश के युवा हाथों में लैपटॉप और हाथों मे सिगरेट लिये घूम रहे हैं शायद उनको ये आभास नहीं कि वो क्या हैं और कहाँ जा रहे हैं?"'32 प्रतिशत भारतीय माइक्रोसॉफ़्ट का कार्यभार संभाले हुये हैं' ये ताजा सच पूरी दुनियां के साथ जुडा है जहाँ तकनीकी द्क्ष युवाओं की कमी है वहीं भारत से लगभग लाखों युवाओं की खेप भारत से बाहर जाने को विवश है कारण?आसान से...

सोमवार, 6 अगस्त 2007

कुत्तालेखः भाग एक- राई का पहाड

चौंक गये! है न ये अजीबो-गरीब शीर्षक. जी हाँ ये शीर्षक मुझे कल रात बैठे-बैठे मिल गया जब घर के बाहर बैठा एक आवारा टाइप कुत्ता किसी दूसरे कुत्ते को देखकर भौंकने लगा.मुझे लगा यार क्यों न एक सीरिज बनाई जाये तो फ़िर् क्या था थोडी अक्ल में हिमताज तेल लगाकर एक बार फ़िर हाजिर हूँ इंसानों के वफ़ादार दोस्त कुत्तों पर समर्पित ये सीरिज कुत्तालेख.....अभी-अभी किसी ने पुलिस को सूचित किया कि गली के बाहर एक...

शनिवार, 4 अगस्त 2007

भाई! बच के रहना

यार कल हमने अपना 1991 मॉडल का 007 नंबर का स्कूटर छुपा दिया है. क्योंकि आज कल मुझे लोग संदेह की द्रष्टि से देखने लगे हैं, मैने अपना मोबाईल नं0 भी बदल दिया है,क्या पता सी.बी.आई वालों यां आज तक के शम्स ताहीर खान भाई का फ़ोन न आ जाये.(यार ये अशोक मल्होत्रा कहाँ से मुआ आ गया है)मैने अपनी श्रीमति जी से कह दिया कि अगर कोई मेरा जन्मदिन 07.07.07(मेरा जन्मदिन 7 जुलाई को होता है ) के बारे में पूछे...

शुक्रवार, 3 अगस्त 2007

अनुगूँज 22: हिन्दुस्तान अमरीका बन जाए तो कैसा होगा - पाँच बातें

तो भाई लोगों पहली बार आपने मुझे छेडा है तो लो सुनो हमारे श्रीमुख से!पहले-पहल अगर भारतवर्ष् अमरीका भी बन जाये तो कुछ नहीं बद्लेगा सिवा इनके...1. नारद.अक्षरग्राम की रेटिंग याहू-गूगल से कहीं सैकडो-करोडों यूजर्स से आगे होगी. बडी-बडी कम्पनियां इस् नेट्वर्क को खरीदने के लिये लालायित् होंगे. नारद टीम और नारद जी खुद लॉस-वेगास जैसे किसी बीच पर अपना...

गुरुवार, 2 अगस्त 2007

वो बेचारा!

अभी कुछ ही दिन की तो बात है वो बाबा कल उस पेड् के नीचे बैठा था. भूख से बेहाल,कफ़ी देर से दर्द से क्रहने के बाद वहीं लेट गया. आस-पास के लोगों ने देखा तो किसी ने कुछ न कुछ खाने को दिया. धीरे-धीरे वो बाबा इस मोहल्ले का एक अभिन्न अंग बन चुका था. लोग उसे कोई पीर-फ़कीर मानने लगे थे. कोई अपने घर की दशा सुधारने के लिये बाबा के पैर छूकर अपने आपको धन्य समझता था तो कोई बाबा को खाना खिलाकर.बाबा भी बडे...

बुधवार, 1 अगस्त 2007

शास्त्री जी कैमरे का सही यूज कर रहे हैं आप। दो-दो ब्लॉग!

वाह शास्त्री जी कैमरे और जगह का सही उपयोग कर रहें है आज् आपने जो दो पोस्ट् एक ही लोकेशन की थी उसको बाँटकर हिलाकर रख दिया। . लेकिन अगर केवल फ़ोटो ही पोस्ट करते रहेंगे तो हम कहाँ जायेंगे...

माँ-(मेरा एक महत्वाकांक्षी लेख)-भाग-दो

मेरे पिछले लेख माँ-(मेरा एक महत्वाकांक्षी लेख)-भाग-प्रथम को जिस तरह से आपने अपना प्यार व स्नेह देकर मुझे उत्साहित किया था, उसी के परिणामस्वरूप मैनें इसके विस्तार करने के लिये दूसरी कोशिश कर रहा हूँ.मैं पहले ही कह चुका हूँ कि अगर मेरी कहानी किसी की जिंदगी के करीब हो यां किसी को बुरा लगे भी तो मुझे जरूर लिखे. किसी की भावनाएं आहत करने का मुझे कोई हक नहीं है लेकिन् अगर कोई त्रुटि हो जाये तो...