शनिवार, 22 सितंबर 2007

ये सवाल वाकई में ध्यान देने योग्य है

आज बहुत दिनों के बाद जब कुछ लिखने के लिये बैठा तो अचानक कहीं से ये लेख मेरे सामने आ गया जो एक सम्रध्द भारत की निन्दा कर रहा था,ये लेख किसी और के द्वारा नहीं अपने प्रिय डॉ ए. पी. जे. अब्दुल कलाम जी ने उठाया है जो वाकई में ध्यान देने योग्य हैप्रस्तुत है वो चन्द लाईनें जो उन्होने कहीं"राष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद पहली विदेश यात्रा पर निकले डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम एक नए सवाल का जवाब तलाशने...

गुरुवार, 6 सितंबर 2007

हिन्दी ब्लॉगिंग का एतिहास का पार्टः2

क्षमा करें शिवकुमार मिश्र और ज्ञानदत्त पाण्डेय जी! क्योंकि मैने आपके ब्लॉग को पढ्ने के बाद ही इसे आगे बढानें का निर्णय लिया,क्योंकि आपके हास्य में जो सच छुपा हुआ था वो शायद हिन्दी ब्लॉगरों के लिये स्वर्णकाल साबित हो सकता है.भविष्य लेखन में जो आपने हमें सपना दिखाया है वो जरूर सच होगा क्योंकि हिन्दी विश्व भाषा बन जायें, ये हो सकता हैh3 style="text-align:center;background:beige;color:black;FONT-FAMILY:...