रविवार, 11 नवंबर 2007

ये मेरी पचासवीं पोस्ट है

जरा इस खबर पर भी नजर डालिये और देखिये कि कितना शातिराना अंदाज हैं इन भाई साहब के जो एक सरकारी कर्मचारी बनकर दूसरों के घर में सेंधमारी करता है. इनकी करतूतें वाकई में अविश्वस्नीय हैं.....

गुरुवार, 8 नवंबर 2007

माँ-(मेरा एक महत्वाकांक्षी लेख)-भाग-तीन

मेरे पिछले लेख माँ-(मेरा एक महत्वाकांक्षी लेख)-भाग-प्रथम एवं माँ-(मेरा एक महत्वाकांक्षी लेख)-भाग-द्वित्तीय को जिस तरह से आपने अपना प्यार व स्नेह देकर मुझे उत्साहित किया था, उसी के परिणामस्वरूप मैनें इसके विस्तार करने के लिये कोशिश कर रहा हूँ.मैं पहले ही कह चुका हूँ कि अगर मेरी कहानी किसी की जिंदगी के करीब हो यां किसी को बुरा लगे भी तो मुझे जरूर लिखे. किसी की भावनाएं आहत करने का मुझे कोई...