मंगलवार, 19 अगस्त 2008

मार्केटिंग चालू आहे!

मार्केटिंग--- इस एक शब्द का अर्थ पता करने के लिये मैं कितने दिनों से जूझ रहा था, इस शब्द में कितनी महानता-चतुराई-चापलूसी-मूर्खता-धोखा-षढ्यंत्र है ये सब तो इस एक शब्द को पूरा करने के लिये कम हैं.मतलब? नहीं समझ आया ना !तो चलिये कुछ दिनों की दिनचर्या पर नजर ! डालें अरे अपनी नहीं मेरी!!!सुबह-सुबह पार्क में वाकिंग करने के लिये जब चलने लगा तो एक दिन देखा कि पार्क में कुछ लोगों ने एक छोटी सी मूर्ती...