गुरुवार, 30 अक्तूबर 2008
राहुल राज का कदम भगत सिहं सरीखा था
मुम्बई बेस्ट एन्काउंटर में मारे गये राहुल राज ने न केवल खुद को इस देश की गन्दी राजनीति की आग में झोंक दिया बल्कि मुझे लगता है कि उसने खुद ये काम अपनी प्रेरणा से दूसरों को आगे आने के लिये किया क्योंकि जिस तरीके से ये काम उसनें किया वही तरीका भगत सिंह नें असैम्बली में बम फ़ेंक कर किया था, आज हर उत्तर भारतीय के मन फ़ैले डर को उसने खत्म किया है और पैदा किया है एक नयें जोश को जो आने वाले समय में महाराष्ट्र और देश के लिये घातक भी हो सकता है
शायद ठाकरे परिवार और सरकार ये भूल चुकी है कि उत्तर भारतीयों की बदौलत वो कमा-खा रहे हैं वरना इन महानगरीय परिवेश में रहने वाले आलसी जीवों से पूछकर देख लो कि कौन इनकी मजदूरी से लेकर आई.टी.,फ़िल्म जगत और प्रशासनिक सेवायें सम्हाले हुये है
बस अब आगे लिखने का तात्पर्य सभी समझदार लोग समझ चुके होंगे इसीलिये अब "बॉयकाट मुम्बई" का नारा लगाने का वक्त हो चला है
5 Response to "राहुल राज का कदम भगत सिहं सरीखा था"
इसी बहाने लोग बिहार के आर्थिक विकास और उत्कर्ष की सोचें, संकल्प लें। अगले २५ साल में बम्बई वाले को बिहार में आ कर नौकरी ढ़ूंढनी पड़े। तब मजा है।
और अपने लालू यादव महात्मा गांधी सरीखें हैं, पासवान नेहरू सरीखें हैं, नीतिश कुमार सरदार पटेल जैसे
Mr. Benami,
Don't talk about polititions.
if u have no idea for any issue so please go to hell or save ur mumbai coz mumbai will be burn & we will bake our bread on this fire Ha Ha Ha.
जब तक कुछ गिनती के शहरों का विकास होता रहेगा औ वह रोजगार मैगनेट बने रहेंगे-इस तरह की समस्या आती ही रहेगी. अब जाग जाने का वक्त आया है.
I am very much impressed by the blog writer and his knowledge on the topic.
Form processing services
एक टिप्पणी भेजें