मंगलवार, 14 अक्तूबर 2008

अविनाश बाबू आपको अभी भी शर्म नहीं आती?

Posted on 7:30:00 pm by kamlesh madaan

आज फ़िर से शर्मसार करते हुये अविनाश नें एक व्यक्तिगत पत्र को फ़िर से सार्वजनिक कर दिया है जो निंदनीय है और शायद अविनाश बाबू की रगों में बहते नापाक इरादों का फ़ल , क्योंकि इन्होने एक सीधे-साधे इंसान का सार्वजनिक रूप से अपमान किया है.

श्री सुरेश चंद्र गुप्ता जी के ब्लॉग और पत्र के जवाब में उन्होने जो अशोभनीय हरकत की है वो जगजाहिर है कि वो अपनी करतूतों से बाज नहीं आयेंगे, उस पर तुर्रा ये कि अपने ही चिट्ठे पर अनाम टिप्पणियां भी तुरंत आनन-फ़ानन में कर दी ताकि इनके कुत्सित विचारों को हवा लग सके, बल्कि ये नहीं जानते हैं कि टिप्पणी की भाषा शैली शुध्द अविनाश शैली है.

पहले भी कई विवादों को जन्म और फ़िर ब्लॉगजगत में अफ़रा-तफ़री मचाकर और खिसियाकर चुप होकर बैठ जाना और फ़िर अब नया बावेला खड़ा करने का मकसद ज्यादा हिट और लाइमलाइट में आना ही है, सब जानते हैं कि आप प्रशंसा के भूखे हैं लेकिन ओछी! अपनी नीच और बिना औचित्य की लड़ाई को किसी सार्थक रूप में लड़िये तो ये हिंदी ब्लॉगजगत आपके साथ है.


आपका छोटा भाई

कमलेश मदान

3 Response to "अविनाश बाबू आपको अभी भी शर्म नहीं आती?"

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बेनामी Says....

अरे भाई, आप क्या वाकई अविनाश को पढ़ते हो? क्यों पढ़ते हो?

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नटखट बच्चा Says....

इन लोगो का काम ही यही है शोर मचायो ओर तमाशबीन बटारो जैसे चैनल टी आर.पी बटोरने के लिए उल जलूल तमाशे दिखाते है वैसे ही ये ब्लॉग हिट करने के लिए ये ड्रामे साधते है क्यूंकि इनके पास लिखने के लिए कुछ है नही ?ओर इन्हे ये भरम है की बुद्दिजीवी होने का राइट सिर्फ़ इनके पास है