शुक्रवार, 19 अक्तूबर 2007

मेरे इस ब्लॉग के लिये आप प्रोत्साहन दें तो अच्छा लगेगा

Posted on 1:52:00 am by kamlesh madaan

आज से विधिवत मैने हिन्दी विकिपीडिया और अपने ब्लॉग मातृभूमि के लिये अपना योगदान देना शुरू कर दिया है.लेकिन उचित मार्गदर्शन और प्रोत्साहन के बिना अधूरा है ये ब्लॉग अतः आप सभी लोगों के सहयोग के लिये मैं प्रतीक्षारत हूं इसलिए आप सबके विचार और सुझावों का स्वागत है|

तकनीकी रूप में चिट्ठाजगत और ब्लॉगवानी ने इसे अभी पंजीकृत नही किया है जबकि चिट्ठाजगत के लेबल मैने दो बार और ब्लॉगवानी के लिये मैने ई-मेल भी किया है.
नारद.अक्षरग्राम के लिये जीतू जी को मैने मेल किया तो उन्होने तुरंत प्रतिक्रिया दिखाते हुये पंजीकृत कर दिया लेकिन शायद नारद.अक्षरग्राम भी अपडेटिंग की समस्या से जूझ रहा है यां जीतू जी शेयर बाजार में!

8 Response to "मेरे इस ब्लॉग के लिये आप प्रोत्साहन दें तो अच्छा लगेगा"

.
gravatar
मीनाक्षी Says....

कमलेश जी
सबसे पहले तो काली रात सा रंग बदल कर कोई हल्का रंग पसन्द कीजिए...हल्के फुल्के आँखों को भाने वाले रंगो का प्रयोग कीजिए.
मन लगा कर लिखिए...अपेक्षाएँ दुख का कारण बनती हैं.. प्यार मिले तो दोनो बाँहे खोल कर ले...न मिले तो अपने कर्म पथ पर चुपचाप बढ़ते रहिए....

.
gravatar
Udan Tashtari Says....

अनेकों शुभकामनायें. हमारे लायक जो भी सेवा हो, निश्चिंत होकर बतायें.

.
gravatar
Batangad Says....

हिंदी ब्ल़गिंग के संसार में स्वागतम

.
gravatar
बेनामी Says....

बहुत बधाई भाई. और ब्लॉग के रूप रंग पढ़ने लायक बना दें तो अच्छा रहेगा.

.
gravatar
बेनामी Says....

पेज के काले रंग में एक अलग चमक है मदान जी। और इसमें बिजली भी कम खर्च होती है। आपके पाठक बढ़ेंगे तो दुनियाँ की बिजली की उतनी बचत होगी।
आप इन टिप्पणी करने वालों के बहकावे में न आइयेगा। अपना पेज ऐसा ही बनाये रखें।

.
gravatar
बेनामी Says....

कमलेश जी,

रंग सभी अच्छे हैं.रंग जो भी हो, सब प्रकृति से ही मिला है. और प्रकृति का दिया हुआ दोनों हाथों से स्वीकार करना चाहिए. फिर हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि 'ब्लैक इज व्यूटीफ़ुल.'

हम तो यही कहेंगे कि;

रात काली हो चाहे नीली हो
फूल मोंगरा हो या चमेली हो
जो मिले हम उसे स्वीकार करें
पास में हाथ या हथेली हो

आपका प्रयास बहुत अच्छा लगा. बाकी चिट्ठाकार भाई आपके साथ तो हैं ही. आप वैसे ही बहुत बढ़िया लिखते हैं.आपके चिट्ठे सभी अच्छे लगे. बहुत मन से लिखते हैं आप. ऐसे ही लिखते रहे, हम पढ़ते रहेंगे.

.
gravatar
बालकिशन Says....

बेफिक्र होकर लग जाइए. हम भी मात्र १८ दिन पुराने है. बहुत सहयोग मिल रहा है सबसे. आपको भी मिलेगा.
टिप्पणियों की कोई कमी नही महसूस करेंगे.