रविवार, 21 अक्तूबर 2007
हम हिन्दुस्तानी (द्वित्तीय भाग)
कभी-कभी इंसान गल्तियां कर बैठता है और कल गलती से मिस्टेक करते हुये जो हमने अपने देशप्रेमी होने की जो मिसाल कायम की थी वो वाकई में गंभीर विषय बन चुका है, काफ़ी लोगों ने हमें इसे आगे जारी रखने का सम्मन भी भेज दिया है तो भाई लोगों प्रस्तुत है हम हिन्दुस्तानी का भाग दो..
नकलः ये हुनर तो हम हिन्दुस्तानियों की वो अमूल्य धरोहर है जिसे संजोये रखनें से ही विकास का पहिया तेजी से घूम रहा है यां ये कहिये इस विशेष गुण के कारण पूरी दुनिया हमसे परेशान है अब चाहे किसी भी उत्पाद को एक बार देख लें माँ कसम अगली खेप तक वो उत्पाद उस देश में ही आधे रेट में मिलने लगेगा, यहाँ तक कि अगर फ़िल्म,राजनीति,युध्द,पढाई-लिखाई आदि में इस देश में बनाये गये कीर्तीमानों की लिस्ट बनायी जाये तो शायद चॉद पर जाने के लिये किसी अंतरिक्ष यान की जरूरत नहीं होगी.
तो अब मत कहना "नकलची बंदर"
लम्बी-लम्बी छोड़नाः अगर इस गुण के बारे में नहीं लिखा तो शायद मेरा ये लेख बेकार हो जायेगा क्योंकिं जिस विशेष गुण के लिये भारतीय जाने जाते हैं उनमें ये गुण कूट-कूटकर भरा हुआ है-
पता है अम्बानी मेरे साथ पढ चुका है,
शहर का कलक्टर मेरा यार है बेटा जो काम हो बता देना,
कॉलेज से अगर खेल रहा होता तो आज नैशनल टीम में होता,
ये कुछ चंद बातें है अभी तो छोड़ने के रिकार्ड चेक तो कर लीजिये.
गालियां: हिन्दी,पंजाबी,अंग्रेजी और राष्ट्रीय भाषाओं के अलावा एक और भाषा भी है जिसे लोग पानी(मदिरा) पी-पीकर और ज्यादातर बिना पिये ही इस्तेमाल करते हैं,हम राष्ट्रीय भाषा का दर्जा हिन्दी यां अंग्रेजी को दें यां ना दें लेकिन यह भाषा समान रूपों में अपना अधिपत्य बनाये हुये है,
विविधता इसकी मुख्य पहचान है और यह हिन्दुस्तान के चारों ओर समान रूप से पायी जाती है.
आप की भाषा क्या है?
आलसः टाइम नहीं है! इस बात के लिये अगर हम पूरी दुनियां में सबसे आगे हैं जहाँ पूरी दुनिया समय के साथ चलती है वहीं दूसरी ओर हमारे प्यारे भारत में ये कहा जात है कि समय को मत पकड़ो.
आज का काम कल और भविष्य पर टालने की प्रथा तो नेताओं,नागरिको,अदालतों,ऑफ़िसों में भी होता है लेकिन यह रेलवे और सड़क परिवहन के बाद अब उड्डयन सेवा में भी शुमार होने लगा है.
क्या कहा आप के पास टाइम नहीं है?
2 Response to "हम हिन्दुस्तानी (द्वित्तीय भाग)"
टिप्पणी कल करेंगे-अभी टाईम नहीं है. और फिर तब तक कुछ और लोग भी टिप्पणी कर जायेंगे तो नकल कर लेंगे.
बहुत अच्छा लिखते हैं आप...हमारे अपने गुणों के बारे में हमने इतना कहीं नहीं पढ़ा या सुना..
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