पिछले दिनों जब मैं बाहर क्या चला गया कि पंगेबाज भाई ने भविष्य के गर्भ से पार्ट टू भी लांच कर दिया लेकिन वो इसका फ़ाइनल पार्ट बनाते इससे पहले हमने ही गुरू पंगेबाज को उन्ही की स्टाईल में पटकनी देने का विचार बना लिया।
तो अब हाजिर है भविष्य के गर्भ से का फ़ाइनल पार्ट् जो हमारे पंगेबाज दादा की आंखे खोल दे यां वो मेरी आखें फ़ोड् देंगे इस ब्लाँग को पढने के बाद।
कुछ ध्यान रखने योग्य बातें > जैसे कि कुछ लोगों को भगवान इन्द्रदेव और नारद जी ने मीटिंग करके अमरता का वरदान दिया है.
1. उड्न-तश्तरी> ये भाई साहब को आजकल नारद जी ने अपना पर्सनल सैक्रेटरी चुन लिया है. इनके बाबा-आदम जमाने के उडन्-खटोले को नारद जी ने किसी यू.एफ़.ओ. से एक्स्चेंज ऑफ़र के तहत बदलवा दिया है जिससे उनका आवगमन सुलभ हो सके क्योंकि हर ब्लॉगर के पास पहुँचने में देर हो जाती थी. इसकी स्पीड भी काफ़ी प्रकाशवर्ष् तेज है और ये हर अत्याधुनिक सुख्-सुविधाओं से लैस है।
2.खुशी > जो तरकश की पॉडकास्टर हैं उनको इन्द्रदेव ने खुश होकर अपने यहाँ पॉडकास्टिंग यानी की ब्लॉगर एफ़. एम. की मुख्य वक्ता घोषित कर रक्खा है. आज इन्द्रलोक में अप्सरायों का न्रत्य नहीं बल्कि ब्लॉगर एफ़.एम. गूंजता है.
3.नारद की पूरी टीम को नारद ने स्पेशल सेल बनाकर दे दी है क्योंकि इनके द्वारा ही नारद जी इस लोक पर अवतरित हुये थे.
चलिये अब शुरू करें.....
आज सन् 3007 का समय है स्थान ब्लॉगर-लोक (प्रथ्वीलोक्) का नया नाम और समय है ब्लॉगर-युग क्योंकि कलयुग को ब्लॉगरों ने अपने ब्लॉग्स से पाट दिया था. आज ब्लॉगर एफ़.एम. पर ब्लॉगर-मुनि यानी कि मैं (कलयुग में मै कमलेश मदान नाम का प्राणी हुआ करता था पर मेरे लेखन कार्य से ग्रसित होकर नारद जी ने मुझे भी अमरता फ़्री में दे दी.)मेरा आज खुशी के साथ साक्षात्कार था.
पेश है उसकी कुछ झलकियाँ--------
खुशी- मुनिवर हमने सुना है आप प्रथ्वीलोक के वासी थे लेकिन किसी पंगेबाज नामक व्यक्ति से आप भी घबराते थे क्यों?
मैं-- क्या बतायें हम उनसे घबराते नहीं थे बल्कि उस समय जो पंगेबाज ने अपनी असुरी शक्तियों का प्रयोग हम निरीह प्राणियों पर अपने उलूल-जुलूल पंगेबाजी द्वारा किया था वो असहनीय था. फ़िर एक दिन हमने उन्हें उनके कार्यों पर चेताया भी था कि संभल जाओ पर वो नहीं माने और आज प्रेत-योनि भुगत रहे हैं.
खुशी- सुना है उनकी कुछ पंगेबाजी उस लोक के कुछ पुलिसवालों यानी नगररक्षकों से भी हुयी थी?
मैं-- हाँ ये भी हमें पता था लेकिन हम लोग उनके डर के कारण चुप थे.
खुशी- अपने प्रशंसकों और विचारकों को कोई सन्देश देना चाहेंगे आप?
मैं--प्यारे ब्लॉगर्-लोक वासियों कभी भी पंगेबाजी के टेढे रास्ते से चलने से अच्छा है खुद का ब्लॉग सुधारो! हमेशा नये लेखकों को प्रोत्साहित करो और टिपियाना भूलो मत वरना आज प्रेत बनकर इस तरह भट्कोगे कि ढूढते रह जाओगे!
तो अब हाजिर है भविष्य के गर्भ से का फ़ाइनल पार्ट् जो हमारे पंगेबाज दादा की आंखे खोल दे यां वो मेरी आखें फ़ोड् देंगे इस ब्लाँग को पढने के बाद।
कुछ ध्यान रखने योग्य बातें > जैसे कि कुछ लोगों को भगवान इन्द्रदेव और नारद जी ने मीटिंग करके अमरता का वरदान दिया है.
1. उड्न-तश्तरी> ये भाई साहब को आजकल नारद जी ने अपना पर्सनल सैक्रेटरी चुन लिया है. इनके बाबा-आदम जमाने के उडन्-खटोले को नारद जी ने किसी यू.एफ़.ओ. से एक्स्चेंज ऑफ़र के तहत बदलवा दिया है जिससे उनका आवगमन सुलभ हो सके क्योंकि हर ब्लॉगर के पास पहुँचने में देर हो जाती थी. इसकी स्पीड भी काफ़ी प्रकाशवर्ष् तेज है और ये हर अत्याधुनिक सुख्-सुविधाओं से लैस है।
2.खुशी > जो तरकश की पॉडकास्टर हैं उनको इन्द्रदेव ने खुश होकर अपने यहाँ पॉडकास्टिंग यानी की ब्लॉगर एफ़. एम. की मुख्य वक्ता घोषित कर रक्खा है. आज इन्द्रलोक में अप्सरायों का न्रत्य नहीं बल्कि ब्लॉगर एफ़.एम. गूंजता है.
3.नारद की पूरी टीम को नारद ने स्पेशल सेल बनाकर दे दी है क्योंकि इनके द्वारा ही नारद जी इस लोक पर अवतरित हुये थे.
चलिये अब शुरू करें.....
आज सन् 3007 का समय है स्थान ब्लॉगर-लोक (प्रथ्वीलोक्) का नया नाम और समय है ब्लॉगर-युग क्योंकि कलयुग को ब्लॉगरों ने अपने ब्लॉग्स से पाट दिया था. आज ब्लॉगर एफ़.एम. पर ब्लॉगर-मुनि यानी कि मैं (कलयुग में मै कमलेश मदान नाम का प्राणी हुआ करता था पर मेरे लेखन कार्य से ग्रसित होकर नारद जी ने मुझे भी अमरता फ़्री में दे दी.)मेरा आज खुशी के साथ साक्षात्कार था.
पेश है उसकी कुछ झलकियाँ--------
खुशी- मुनिवर हमने सुना है आप प्रथ्वीलोक के वासी थे लेकिन किसी पंगेबाज नामक व्यक्ति से आप भी घबराते थे क्यों?
मैं-- क्या बतायें हम उनसे घबराते नहीं थे बल्कि उस समय जो पंगेबाज ने अपनी असुरी शक्तियों का प्रयोग हम निरीह प्राणियों पर अपने उलूल-जुलूल पंगेबाजी द्वारा किया था वो असहनीय था. फ़िर एक दिन हमने उन्हें उनके कार्यों पर चेताया भी था कि संभल जाओ पर वो नहीं माने और आज प्रेत-योनि भुगत रहे हैं.
खुशी- सुना है उनकी कुछ पंगेबाजी उस लोक के कुछ पुलिसवालों यानी नगररक्षकों से भी हुयी थी?
मैं-- हाँ ये भी हमें पता था लेकिन हम लोग उनके डर के कारण चुप थे.
खुशी- अपने प्रशंसकों और विचारकों को कोई सन्देश देना चाहेंगे आप?
मैं--प्यारे ब्लॉगर्-लोक वासियों कभी भी पंगेबाजी के टेढे रास्ते से चलने से अच्छा है खुद का ब्लॉग सुधारो! हमेशा नये लेखकों को प्रोत्साहित करो और टिपियाना भूलो मत वरना आज प्रेत बनकर इस तरह भट्कोगे कि ढूढते रह जाओगे!