रविवार, 11 नवंबर 2007

ये मेरी पचासवीं पोस्ट है

Posted on 1:55:00 am by kamlesh madaan

जरा इस खबर पर भी नजर डालिये और देखिये कि कितना शातिराना अंदाज हैं इन भाई साहब के जो एक सरकारी कर्मचारी बनकर दूसरों के घर में सेंधमारी करता है. इनकी करतूतें वाकई में अविश्वस्नीय हैं.....

7 Response to "ये मेरी पचासवीं पोस्ट है"

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अनूप शुक्ल Says....

बधाई! अब सौवीं, दो सौवीं ,पांच सौवीं का इन्तजार है।

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पर्यानाद Says....

बधाई हो. इसी तरह लगे रहें. 50 के आगे जल्‍द ही एक शून्‍य और बढ़ाने का प्रयास करें.

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Sanjay Karere Says....

अति उत्‍तम. दिन दूने रात चौगुने बढ़ें.

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राजीव तनेजा Says....

"हुण चोरां नू पै गए मोर....दस की करिए...की करिए"..

खैर!...अच्छी पोस्ट लिखने के लिए बधाई...लगे रहो...

एक दिन...

हाँ!...एक दिन सफलता तुम्हारे कदम चूमेगी

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Pratik Pandey Says....

बहुत खूब... यूँ ही दनादन पोस्ट करते रहिए। :)

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बेनामी Says....
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