गुरुवार, 30 अक्तूबर 2008

राहुल राज का कदम भगत सिहं सरीखा था

मुम्बई बेस्ट एन्काउंटर में मारे गये राहुल राज ने न केवल खुद को इस देश की गन्दी राजनीति की आग में झोंक दिया बल्कि मुझे लगता है कि उसने खुद ये काम अपनी प्रेरणा से दूसरों को आगे आने के लिये किया क्योंकि जिस तरीके से ये काम उसनें किया वही तरीका भगत सिंह नें असैम्बली में बम फ़ेंक कर किया था, आज हर उत्तर भारतीय के मन फ़ैले डर को उसने खत्म किया है और पैदा किया है एक नयें जोश को जो आने वाले समय में महाराष्ट्र और देश के लिये घातक भी हो सकता है
शायद ठाकरे परिवार और सरकार ये भूल चुकी है कि उत्तर भारतीयों की बदौलत वो कमा-खा रहे हैं वरना इन महानगरीय परिवेश में रहने वाले आलसी जीवों से पूछकर देख लो कि कौन इनकी मजदूरी से लेकर आई.टी.,फ़िल्म जगत और प्रशासनिक सेवायें सम्हाले हुये है

बस अब आगे लिखने का तात्पर्य सभी समझदार लोग समझ चुके होंगे इसीलिये अब "बॉयकाट मुम्बई" का नारा लगाने का वक्त हो चला है

मंगलवार, 14 अक्तूबर 2008

अविनाश बाबू आपको अभी भी शर्म नहीं आती?

आज फ़िर से शर्मसार करते हुये अविनाश नें एक व्यक्तिगत पत्र को फ़िर से सार्वजनिक कर दिया है जो निंदनीय है और शायद अविनाश बाबू की रगों में बहते नापाक इरादों का फ़ल , क्योंकि इन्होने एक सीधे-साधे इंसान का सार्वजनिक रूप से अपमान किया है.

श्री सुरेश चंद्र गुप्ता जी के ब्लॉग और पत्र के जवाब में उन्होने जो अशोभनीय हरकत की है वो जगजाहिर है कि वो अपनी करतूतों से बाज नहीं आयेंगे, उस पर तुर्रा ये कि अपने ही चिट्ठे पर अनाम टिप्पणियां भी तुरंत आनन-फ़ानन में कर दी ताकि इनके कुत्सित विचारों को हवा लग सके, बल्कि ये नहीं जानते हैं कि टिप्पणी की भाषा शैली शुध्द अविनाश शैली है.

पहले भी कई विवादों को जन्म और फ़िर ब्लॉगजगत में अफ़रा-तफ़री मचाकर और खिसियाकर चुप होकर बैठ जाना और फ़िर अब नया बावेला खड़ा करने का मकसद ज्यादा हिट और लाइमलाइट में आना ही है, सब जानते हैं कि आप प्रशंसा के भूखे हैं लेकिन ओछी! अपनी नीच और बिना औचित्य की लड़ाई को किसी सार्थक रूप में लड़िये तो ये हिंदी ब्लॉगजगत आपके साथ है.


आपका छोटा भाई

कमलेश मदान

शनिवार, 11 अक्तूबर 2008

बिना एंटी-वायरस के अपने यू.एस.बी. ड्राइव को कैसे क्लीन करें यानी वायरस रहित

मैने पिछली पोस्ट में बताया था कि बिना एंटी-वायरस के नेट-सर्फ़िंग कैसे करें जिसे आप लोगों ने सराहा! अब जानते हैं कि यू.एस.बी. में मौजूद वायरस को कैसे हटायें?

जैसा कि आप जानते होंगे कि 90% वायरस यू.एस.बी. और सी.डी.ड्राइव से फ़ैलते हैं ये सब एक प्रोग्राम यानी वायरस जनरेट करते हैं और आपका कम्प्यूटर दूषित होता चला जाता है.

इन वायरसों में एक सबसे खराब बात होती है कि वो ऑटो-रन यानी खुद ब खुद चलने वाले प्रोग्राम होते हैं, अब न तो इन वायरस को रोका जा सकता है और न फ़ैलने से बचाया जा सकता है.

लेकिन अब मैं आप सबको एक ऐसा सॉफ़्टवेयर दे रहा हूँ जिससे इन ऑटो-रन और करीब 99% वायरस के प्रोग्राम पर अंकुश लगा सकते हैं.

इस सॉफ़्ट्वेयर को आप यहाँ से डाउनलोड कर सकते हैं.

कैसे इंस्टाल करें--
अन-जिप करने के बाद आप सेट-अप को रन कर लेंफ़िर क्रेक फ़ोल्डर में से क्रेक फ़ाइल उठा लें फ़ोल्डर उपर के चित्र में दिखायी दे रहा है और क्रेक फ़ाइल नीचे के चित्र में दिखायी दे रही है
अब इसे C:\Program files\USB Disc Security फ़ोल्डर में रिप्लेस कर दें. आपका सॉफ़्टवेयर कार्य करने के लिये तैयार है.

एक जरूरी बात- इसके अलावा आप सभी को यह ध्यान रहे कि यू.एस.बी. एवं सी.डी. रोम को खोलने से पहले उसे राइट क्लिक करके एक्सप्लोर करके ही खोले जिससे अनावश्यक रूप से ऑटो रन पर क्लिक करने से बच सकते हैं.

शुक्रवार, 10 अक्तूबर 2008

क्या बिना एंटी-वायरस के सेफ़ इंटरनेट ब्राउजिंग संभव है?

यकीन नहीं होता ना! लेकिन ये मैने संभव किया है क्योंकि मैं पिछले छः माह से बिना एंटी-वायरस के कंप्यूटर का इस्तेमाल कर रहा हूँ और वो भी बिना किसी नुकसान के.

अब कैसे संभव हुआ ये जानते हैं.....

सबसे पहले मैने फ़ायर-फ़ॉक्स का एक पुराना वर्जन डाउनलोड किया वर्जन है 2.0.0.11 ये इसका एक अच्छा वर्जन है जो सारे के सारे प्लग-इन और स्पीड के साथ चलता है.

अब डाउनलोड करने बाद इसके ऑप्शन में जायें जो टूल्स मैन्यू में है, ऑप्शन में पहला टैब है मेन इसमें चाहे तो आप ब्लैंक पेज यानी खाली पेज भी रख सकते हैं


अब इसके तुरंत बाद प्राइवेसी टैब में आ जाते हैं जो इसका एक बहुत अच्छा ऑप्शन है

इसमें आप चाहें तो अपने काम को रिमेम्बर यानी कि याद भी रख सकते हैं

ठीक इसके नीचे कुकीस का ऑप्शन है जो आप चाहें रखें यां न रखे आपकी मर्जी

अब बारी है इसके एक महत्वपूर्ण हिस्से की यानी कि प्राइवेट डाटा टैब की . इसमें पहले ऑप्शन को चैक करें दूसरे ऑप्शन को चैक करने से हर बार आपके डाटा को खाली करने के लिये ये पूछता रहेगा जो कि एक तंग करने वाला काम है
इसमें सैटिंग्स का एक बटन है जिसमें आप क्लिक करके हर वो डाटा आप ऑटोमैटिकली क्लियर कर सकते हैं जिसकी आपको जरूरत नहीं जैसे कि कुकीस,सैशन,हिस्ट्री,वेब-फ़ॉर्म आदि..

ये तो रही इसकी खूबियां लेकिन अब जानते हैं कुछ खास इस फ़ाय-फ़ॉक्स के बारे में.....
अब इसी टूल्स ऑप्शन में एड-ऑन्स नाम का एक बटन आता है आप क्लिक करिये फ़िर इस तरह का बॉक्स खुलेगा आप उसमें गैट-एक्सटेंशन्स पर क्लिक क्रेंगे तो एक वेब पेज खुल जायेगा




बस अब आप इस वेब पेज में सर्च के ऑप्शन में ये लिख दीजिये add block और फ़िर इसको एड कर लिजिये फ़िर एक और जरूरी प्लग-इन wot को भी ढूंढ लीजिये और फ़िर डाउनलोड होने के बाद ये रिस्टार्ट मांगेगा. लीजिये तैयार है रिस्क-फ़्री इंटरनेट सर्फ़िंग

एड-ब्लॉक प्लस फ़ायरफ़ॉक्स का एक अचूक हथियार है इसके आते ही किसी भी वेबपेज की सारी की सारी प्रचार सामग्री प्रतिबन्धित हो जायेगी और कोई भी पॉप-अप एड भी नहीं आयेगा ये आप इस रैडिफ़.कॉम के मुख्य-प्रष्ठ पर भी लागू है



आप चाहें तो किसी भी एड चाहे वो चित्र हो यां वो कोई फ़्लैश एनीमेशन भी हो आप ब्लॉक कर सकते है.


अब बारी है WOT यानी Web Of Trust ये एक ऐसी वेबसाइट और प्लग-इन का नाम है जिसमे कोई भी वेब एडरेस टाइप करने के बाद उसका काम है उस वेब-पेज और वेबसाइट के बारे में सही जानकारी देना अगर बटन हरा है तो समझिये कि पेज और वेबसाइट भरोसेमंद हैं

यदि पीला है तो समझिये कि नुक्सान की संभावना है और लाल होने पर ये स्वतः ही पेज को रोक देगा और वार्निंग देगा. देखिये गूगल खोलने पर क्या दिखायी दिया



अब शुरू कीजिये एक स्वस्थ और सुरक्षित सर्फ़िंग.

गुरुवार, 9 अक्तूबर 2008

अतुल्य भारत - मेरी यात्राओं से (भाग -दो)

पिछले भाग में मैने कुछ तस्वीरें और कुछ संछिप्त परिचय दिया था अपनी पिछली चार माह के गायब रहने का कारण सहित.
अब कुछ फ़ुर्सत है और लिखने का उचित समय भी तो हाजिर है भाग-दो
---------------------------------------------------------------------------
मेरी यात्राओं में बहुत से पड़ाव और शहर,गाँव आये .. गौरतलब बात यह है कि मैने ये यात्रायें दुपहिया वाहन से कीं.

प्रमुख शहर जिनसे होकर गुजरा और उनको देखाः- कासगंज,बदायूँ,एटा,बरेली,रामपुर, देहरादून,ग्वालियर,डबरा,दतिया,झाँसी,भोपाल-होशंगाबाद,
और आगे हजारों गाँव और देहात कस्बे ये सब केवल अकेले सिर्फ़ अकेले
----------------------------------------------------------------------------

कुछ बाते अपने देश के किसानों की--
मैने पूर्वी उत्तर-प्रदेश के किसानों के पास एक उन्नति का पथ खोजा जो उन्होने संपूर्ण विकसित कर लिया है. कैसे!

साल भर की तीन महीनों की फ़सल में किसान क्या कमाते थे अतः उन्होने उस फ़सल के साथ-साथ नयी-नयी फ़सलें भी उगाना शुरू कर दिया है जिससे उन्हे इतना मिल जाता है कि वो अपना गुजारा एक ही फ़सल में निकाल लें. किसानों ने पिपरमेंट,कमल-ककड़ी,खुंबियां और तिल के साथ साथ अनेक बेमौसमी फ़ल और अनाज उगाना शुरू कर दिया है.

तो वहीं अब खुशी होती है कि आज पाठशालाओं में शिक्षा देने स्वयंसेवी संस्थायें और स्कूल-कॉलेज भी आगे आने लगे हैं. मैने बहुत से ऐसे परिवार् भी देखे जिनमें लड़कियां तो पढ रही हैं लेकिन लड़के खेती-मजदूरी कर रहे हैं.

प्रस्तुत है कुछ तस्वीरें ---
ये टेम्पो तो जाना पहचाना सा लगता है
अजान का वक्त हो गया!देखो आवाज आ रही है

भाई! इस बारिश में कहाँ जायेंगे?



और आगे विस्तार से अलग -अलग विषयों पर लेख लिखूंगा....क्रमशः

सोमवार, 6 अक्तूबर 2008

जागो रे! ये एक मजाक है यां पब्लिसिटी का नया फ़ंडा

पिछले लगभग एक महीने से मैं इस जागो रे नामक एड को देख रहा हूँ और कई दिनों से इस वेबसाइट को भी देख रहा हूँ.बहुत सी कमियां हैं जो देखने के बाद पता चलता है कि वेबसाइट बनाने वालों ने सिर्फ़ अपने उत्पाद को लोकप्रिय बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है इसलिये ये एक जागरूक अभियान न होकर वरन एक सुस्त प्रोग्राम सा लगता है जिसे खुद ही जागो रे कहने की जरूरत है.

कुछ कमियां : - अव्वल तो यह संपूर्ण गुलामी की मानसिकता लिये अंग्रेजी भाषा में है

- इतने दिनों से टी.वी पर आने के बावजूद केवल 22331 आज तक सदस्य बनें हैं यानी करोड़ों रूपये बर्बाद करने के बाद सिर्फ़ हाथ लगे चन्द

- जिसके पास वोटर कार्ड न हो और कोई स्थायी पता न हो यानी कि वो किरायेदार हो तो कैसे संभव है ये ऑनलाइन वोटिंग

- एड में सिर्फ़ चाय पिलाने से क्या मकसद हल हो रहा है? यां अपने उत्पाद की मार्केटिंग

अब भाई लोगों अगर रूपये बर्बाद ही करने थे टाटा ग्रुप को तो इस सरकारी काम में नहीं करने थे क्योंकि आज तक चुनाव आयोग वोटिंग की सही गिनती और मार्केटिंग नही कर सका है तो फ़िर ये टी.वी. के एड् क्या कर लेंगे!

बाकी "जागो रे"

रविवार, 5 अक्तूबर 2008

तो अब पूरी तैयारी है युवा ब्लॉग के छाने की!

'www.blogvani.com'

मेरे प्यारे साथियों किसी कारणवश मैं अपने इस अति महत्वपूर्ण मंच "युवा" ब्लॉग को चालू नहीं कर पा रहा था.

लेकिन अब पूरी तैयारियों और नये जोश के साथ इस प्रयास को दुबारा जीवित करने का संकल्प लिया है और साथ ही साथ ये भी कोशिश रहेगी कि इस मंच के साथ अधिक से अधिक लोग जुड़ें क्योंकि ये केवल परहित के लिये बना है.

मेरा उन सबसे अनुरोध है जो इस ब्लॉग से जुड़े हुये हैं और जुड़ना चाहते हैं वो दुबारा मुझे मेल कर सकते हैं और मेरे नये फ़ोन नं पर फ़ोन भी कर सकते हैं जो साइडबार में दिया हुआ है.

अब इसमें एक कैटेगरी और भी जुड़ गयी है "क्या हम आपकी सहायता कर सकते हैं?"जिसमें जो जिस क्षेत्र में माहिर होगा वो अपने क्षेत्र और फ़ोन को सार्वजनिक कर सकता है, जिससे लोग उनसे तकनीकी संबन्धी जानकारियां उनसे फ़ोन व ई-मेल के द्वारा प्राप्त कर सकते हैं.

बस! अब बड़ों का आशीर्वाद और साथी लोगों का साथ चाहिये जिससे हम युवा बेरोजगार पीढी को कम्प्यूटर शिक्षित कर सकें और खुद भी आत्मनिर्भर हो सकें!

आपका छोटा
कमलेश मदान

युवा © 2008 -- कमलेश मदान--

शनिवार, 4 अक्तूबर 2008

अब विन्डोज एक्स. पी. में अपने यू.एस.बी. ड्राइव को रैम की तरह इस्तेमाल करिये

आपने विन्डोज विस्टा की एक स्पेशल खूबी तो पहचानी ही होगी! अगर नहीं जानते हैं तो मैं बताता हूँ, विन्डोज विस्टा में एक स्पीडबूस्टर नामक सॉफ़्ट्वेयर इनबिल्ट है जिससे आप अपनी यू.एस.बी. ड्राइव को रैम की तरह इस्तेमाल कर सकते है.

ये एक कमाल का सॉफ़्टवेयर है विस्टा में लेकिन जब हम विन्डोज एक्स. पी. इस्तेमाल कर रहे हैं तो कैसे होगा ये सब ?

अब एक्स. पी. में एक सॉफ़्टवेयर विकसित हुआ है जिससे आप अपनी यू.एस.बी. को रैम की तरह ही इस्तेमाल कर सकते हैं बस आप जितनी मैमोरी शेयर करना चाहते हैं वो सैट कर दीजिये! उदाहरण के लिये आपके पास 2 जी.बी. यू.एस.बी. पैन ड्राइव है तो आप उसका 1 या जो आपके मन में आये वो हिस्सा कैचे मैमोरी में शेयर कर दीजिये बस!

नोटः- इंस्टाल करने के बाद क्रैक फ़ाइल्स को C:// ड्राइव में Program files फ़ोल्डर में eboostr फ़ोल्डर में पेस्ट कर दीजिये
-अपने ड्राइव को एड बटन से डालिये फ़िर फ़िर मैमोरी शेयर कर Build Cache Now बटन दबा दीजिये बस!


है न आसान और कमाल का सॉफ़्ट्वेयर !

यहाँ से डाउनलोड करिये !