गुरुवार, 24 जुलाई 2008
अतुल्य भारत- मेरी यात्राओं से(भाग-एक)
Posted on 10:55:00 am by kamlesh madaan
इस बार् कुछ तस्वीरें दे रहा हूं जो मेरे भारत का सच्चा दर्शन देती हैं, अभी बहुत कुछ बाकी है आगे जो मेरी पोस्टों में देने वाला हूँ।
मुझे काफ़ी अनुभव,आश्चर्यजनक बातें, काफ़ी लोग,कई शहर जो अनजान थे मेरे लिये, कई रातें, सड़कें जो केवल मैं ही था उस पर, पूरा आसमान मिला, हर तरफ़ धरती मिली, नदियां मिलीं, गाँव मिले, शहर मिले,खेत मिले, बंजर धरती मिली, प्यासे लोग मिले तो कहीं बाढ भी मिली।
ये सब आगे अनुभव लिखूंगा फ़िलहाल् आज कुछ तस्वीरें दे रहा हूँ जो अन्जान शहर और अन्जान लोगों की हैं
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3 Response to "अतुल्य भारत- मेरी यात्राओं से(भाग-एक)"
ओह, याद नहीं; पर सब जाने पहचाने लगते हैं। सब!
tasweerein to realistic hain par unke sath unhein lete waqt aas paas ke vatavaran ke bare mein kuch panktiyan bhi jodte to post aur prabhavi bantin.
वाकई सब जाने पहचाने लगते हैं. कहीं आस पास्.
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