बुधवार, 11 जुलाई 2007

गधों की विचित्र दुनिया

Posted on 8:11:00 pm by kamlesh madaan

1.

सीधाई और सच्चाई के प्रतीक गधों और खच्चरों के परिश्रम को सम्मान देते हुए नेपाल में अब इन निरीह प्राणियों को साप्ताहिक अवकाश दिए जाने का फैसला हुआ है।
नेपाल के दुर्गम हिमालयी क्षेत्र संखुवसाभा में सड़कों के अभाव में मालवहन के लोकप्रिय साधन गधों और खच्चरों की कड़ी मेहनत को सम्मान देने के लिए स्थानीय व्यापारियों ने उन्हें भी साप्ताहिक अवकाश देने का फैसला किया है।
इतना ही नहीं क्षेत्र के व्यापारियों ने खच्चर व्यापारी संरक्षण संघ 'मेपा' का भी गठन किया है। वहीं 'मेपा' से जुड़े एक व्यापारी नारद राम ने कांतिपुर टाइम्स से कहा कि हमारे इलाके में सड़कें नहीं है। लिहाजा हम परिवहन के लिए पूरी तरह से इन प्राणियों पर निर्भर हैं। हमने सोचा कि उनकी वजह से ही हम कमाते खाते हैं तो उन्हें भी सप्ताह में एक दिन अवकाश दिया जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि स्थानीय व्यापारी खच्चरों के माध्यम से खूब कमाई करते हैं। एक खच्चर अस्सी किलोग्राम तक का बोझ ढोता है। इनसे प्रति किलोग्राम सात रुपये के भाव से प्रतिदिन चार सौ से 600 रुपये तक की कमाई होती है। भारत की सीमा से लगते सुदूर पश्चिमी नेपाल के इस इलाके में लगभग 1900 गधे और खच्चर दुर्गम पर्वतीय क्षेत्र के गांवों में आवश्यक वस्तुएं पहुंचाते हैं। वहीं यहां गधों और खच्चरों की उपयोगिता को देखते हुए इनकी कीमत एक जर्सी गाय से दो से तीन गुनी या एक मोटरसाइकिल की कीमत से कम नहीं है। स्थानीय व्यापारियों के इस कदम से पशु अधिकार संगठन भी खुश हैं।
2. अदालत में गधे का क्या काम है,लेकिन यहां कांचीपुरम में अदालती कार्यवाही का सामना इस प्राणी को भी करना पड़ा। इसकी वजह थी कि उसका इस्तेमाल एक गैर सरकारी संगठन ने जिला प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन में किया था।
आदिवासी समुदाय को जमीन के प्रमाणपत्र जारी किए जाने में विलंब के विरोध में सोमवार को विरोध प्रदर्शन करने वाले मक्कल मनरम ने गधे के गले में जो तख्ती लटकाई थी उस पर लिखा था जिला प्रशासन।
राजस्व अधिकारियों ने इस पर घोर आपत्ति की और शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया। पशु क्रूरता निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं और सार्वजनिक स्थान पर जाम लगाने के कारण गधे को जब्त कर लिया।
पुलिस ने विरोध स्थल से चटाइयां, लाउडस्पीकर और एंपलीफायर सेट भी जब्त किया। गिरफ्तार किए गए 30 लोगों को जब न्यायिक मजिस्ट्रेट आई जी उत्तमराज के समक्ष उनके आवास पर पेश किया गया तो उन्हें हिरासत में भेज दिया। मजिस्ट्रेट ने पुलिस को गधे को अपनी हिरासत में रखने का निर्देश देते हुए उसे अगले दिन सबूत के तौर पर अन्य जब्त सामान के साथ पेश करने को कहा।
गधे को अदालत में पेश करने के लिए पुलिस को एक वैन किराये पर लेनी पड़ी। औपचारिकताएं पूरी करने के बाद अदालत ने पशु को उसके वास्तविक मालिक को सौंपने का आदेश दिया। प्रदर्शनकारियों को भी रिहा कर दिया गया।

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