शुक्रवार, 6 मार्च 2009

क्या होली ऐसी होती है?

Posted on 6:55:00 pm by kamlesh madaan

इन तस्वीरों में बयां दर्द आपको होली मनाने के लिये मजबूर कर रहा है? नहीं ना क्योंकि ये लोग खून की होली खेल चुके हैं अब क्या होली खेलने के लिये कुछ बचा है ?


































3 Response to "क्या होली ऐसी होती है?"

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संगीता पुरी Says....

होली आपसी प्रेम और भाईचारे को बढानेवाला त्‍यौहार है ... ऐसा नहीं होना चाहिए।

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अन्तर सोहिल Says....

दु:ख तो होता है, लेकिन मरने वाले के साथ मरा नही जा सकता । यही जिन्दगी है गम के बाद खुशी, रात के बाद दिन, अंधेरे के बाद प्रकाश, धूप के साथ छाया, फूल के साथ कांटे, पर्वत के साथ खाई, अमावस्या के बाद पूर्णिमा आती ही है।

होली का मतलब ही यही है कि जो हो ली (यानि बीत ली)उस को भुला कर और अपनी तकलीफों को भुला कर प्रेम और मस्ती से जिन्दगी के रंगों को जियें ।

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Gyan Dutt Pandey Says....

यह भी होता है और होली भी! यूँही चलता है समय।