शुक्रवार, 3 अगस्त 2007
अनुगूँज 22: हिन्दुस्तान अमरीका बन जाए तो कैसा होगा - पाँच बातें
तो भाई लोगों पहली बार आपने मुझे छेडा है तो लो सुनो हमारे श्रीमुख से!
पहले-पहल अगर भारतवर्ष् अमरीका भी बन जाये तो कुछ नहीं बद्लेगा सिवा इनके...
1. नारद.अक्षरग्राम की रेटिंग याहू-गूगल से कहीं सैकडो-करोडों यूजर्स से आगे होगी. बडी-बडी कम्पनियां इस् नेट्वर्क को खरीदने के लिये लालायित् होंगे. नारद टीम और नारद जी खुद लॉस-वेगास जैसे किसी बीच पर अपना विलासिता भरा जीवन जी रहे होंगे.
वेबसाईट का काम अब हमारे वरिष्ठ लेखक जैसे आलोक जी, मसीवजी,अरूण भाई,नीलिमा जी,शास्त्री जी,समीर लाल जी जैसे महान लोग संभालेंगे.
2.सिर्फ़ हिन्दी बोलने-लिखने की आजादी होगी,अंग्रेजी बोलने वालों को पकिस्तान और अंडमान-निकोबार द्वीप पर भेज दिया जायेगा और उनको हिन्दी में प्रक्षिशित करके फ़िर से हिन्दी ब्लॉगिंग के काम मे लगा दिया जायेगा.
3. हम भी कभी व्रेस्टलिंग यानी कुश्ती के चैम्पियन बन जायेंगे. हमारी भी बराबरी अंडरटेकर,केन, रॉक जैसे फ़ाईटरों से समतुल्य होगी. किसी फ़िल्म को करने के लिये हम भी 5-10 करोड् डॉलर से कम बात नहीं करेंगे.
4. खाना-पीना सब इंस्टैंट हो जायेगा, मुन्नु अपनी किताबें अपने पैन में रखकर जायेगा,लडकियों में दस साल की उमर से ही ब्यूटी कॉन्टेस्ट शुरू हो जायेंगे,माता-पिता अब औलाद के पैदा होते ही उनको घर दिलवा देंगे,छींकने पर भी टैक्स होगा, रोने के लिये सिर्फ़ कब्रिस्तान मिलेगा क्योंकि लाफ़्टर गैंग्स वहाँ नहीं मिलते.रूपया पैसा सब मिलेगा लेकिन इसके लिये बंदूक खरीदकर अपराधी बनने का प्रमाणपत्र देना होगा.
5. भाई नेता बनने के लिये एक्जाम होंगे- टॉपर को प्रधानमन्त्री और बाकी सब रैंक के आधार पर मन्त्री बनेंगे, रिश्तेदारों से अंतरिक्ष से बात हो सके इसलिये रिलांयंस-टाटा सैटेलाईट वीडियो कान्फ़्रेंसिंग की सुविधा मुफ़्त देंगे, किसी भी बीवी यां पति को दूसरे के बीवी यां पति के साथ रहने-यां घूमने के लिये आजादी होगी.
5 Response to "अनुगूँज 22: हिन्दुस्तान अमरीका बन जाए तो कैसा होगा - पाँच बातें"
भैया ये आखिरी वाली बात कुछ जम रही है। :)
सही है, बधाई. :) आपको छेड़ा गया, यह अच्छा रहा-आलेख पढ़कर लगा. :)
आपने अनुगुंज का लोगो और हाईपर लिंक नहीं लगाया. वो लगा लें और आयोजन स्थल पर जाकर टिप्पणी कर के अपना लिंक दें ताकि जब सब एक साथ संकलित होगी फाईनल रिपोर्ट में तो आपकी कथनी भी उसमें रहे.
उत्तम विचार हैं।
अच्छा है जी ..हमने भी लिख ही दिया ..तनि पढ़ लैं...
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