वाह शास्त्री जी कैमरे और जगह का सही उपयोग कर रहें है आज् आपने जो दो पोस्ट् एक ही लोकेशन की थी उसको बाँटकर हिलाकर रख दिया। . लेकिन अगर केवल फ़ोटो ही पोस्ट करते रहेंगे तो हम कहाँ जायेंगे ?
6 Response to "शास्त्री जी कैमरे का सही यूज कर रहे हैं आप। दो-दो ब्लॉग!"
रमेश माथुर जी एवं बेनाम को उनके आलोचनात्मक टिप्पणियों के लिये आभार. हर व्यक्ति, हर टिप्पणी, से हम कुछ न कुछ सीख सकते है. आलोचना के लिये आभार मित्रों -- शास्त्री जे सी फिलिप
हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है http://www.Sarathi.info
रमेश माथुर जी एवं बेनाम जी, हर चीज़ को देखने का अपना-अपना अलग नजरिया है. कुछ साधारण चीजें रेखांकित किये जाने के बाद असाधरण बन जाती हैं. शायद शास्त्री जी की यही कोशिश हो.
मैं उपरोक्त सज्जनों से सहमत नहीं। जो चीज आपको बेकार लगती है वो किसी और को बेहतर लग सकती है। हर कोई अपने लिखे को अच्छा ही समझता है, इसकी क्या विवेचना करना।
और ब्लॉग तो है ही अभिव्यक्ति का माध्यम, आप महान लेखक नहीं हैं तो क्या ब्लॉग न लिखें? आप महान फोटोग्राफर नहीं तो क्या फोटो न खींचें?
और भाई कोई चाहे दर्जनों ब्लॉग बनाए, जब ब्लॉगर और वर्डप्रैस.कॉम को आपति नहीं तो किसी और को क्यों हो।
6 Response to "शास्त्री जी कैमरे का सही यूज कर रहे हैं आप। दो-दो ब्लॉग!"
बेकार के फोटो होते हैं। एसे फोटो तो दर्जनों पड़े रहते हैं। ये तो सार्वजनिक साधनों का दुरुपयोग और अपने लिंक बढ़ाने का तरीका है।
अपनी पोजिशन पहले पन्ने पर रखने का तरीका है भई।
रमेश माथुर जी एवं बेनाम को उनके आलोचनात्मक टिप्पणियों के लिये आभार. हर व्यक्ति, हर टिप्पणी, से हम कुछ न कुछ सीख सकते है. आलोचना के लिये आभार मित्रों -- शास्त्री जे सी फिलिप
हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है
http://www.Sarathi.info
प्रिय कमलेश, इन छायाचित्रों के उपायोग के लिये आभार. कम से कम कुछ लोगों को ये चित्र सोचने के लिये मजबूर करेंगे.
रमेश माथुर जी एवं बेनाम जी,
हर चीज़ को देखने का अपना-अपना अलग नजरिया है. कुछ साधारण चीजें रेखांकित किये जाने के बाद असाधरण बन जाती हैं. शायद शास्त्री जी की यही कोशिश हो.
मैं उपरोक्त सज्जनों से सहमत नहीं। जो चीज आपको बेकार लगती है वो किसी और को बेहतर लग सकती है। हर कोई अपने लिखे को अच्छा ही समझता है, इसकी क्या विवेचना करना।
और ब्लॉग तो है ही अभिव्यक्ति का माध्यम, आप महान लेखक नहीं हैं तो क्या ब्लॉग न लिखें? आप महान फोटोग्राफर नहीं तो क्या फोटो न खींचें?
और भाई कोई चाहे दर्जनों ब्लॉग बनाए, जब ब्लॉगर और वर्डप्रैस.कॉम को आपति नहीं तो किसी और को क्यों हो।
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