बुधवार, 29 अगस्त 2007
उफ़! मेरे आगरा को किसकी नजर लग गयी?
Posted on 9:18:00 pm by kamlesh madaan
आज सुबह-सुबह मेरा आगरा शहर तनाव में आ गया,क्योंकि शहर की फ़िजां खराब हो चुकी थी.
चार लोगों की मौत के बाद जब हंगामा होते-होते पहले तोड्फ़ोड् फ़िर लूटपाट और फ़िर दंगे के रूप मे हो लिया तो शहर दहशत में आ गया.
पुलिस और प्रशासन बेजान बने रहे और जब तमाशा खत्म होने लगा तो कर्यवाही करने के लिये कुछ बचा ही नहीं था.
हमारे "हिन्दुस्तान" अखबार के फ़ोटोग्राफ़र्स {डी.के.शर्मा और रनविजय सिंह) ने कुछ तस्वीरें हमें दी है तकि मैं अपने आगरा का दर्द बाँट सकूँ.
एक के बाद एक करके सोलह ट्रकों को आग लगा दी गयी
जिसको जो मिला वो उसी ने लूट लिया
बस बचा तो अराजकता का माहौल
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
5 Response to "उफ़! मेरे आगरा को किसकी नजर लग गयी?"
बहुत अफसोस हुआ ।
घुघूती बासूती
अति अफसोसजनक!! हम आपके दर्द में सहभागी हैं.
तकलीफदेह घटना।
दोस्त ये लोगो के बीच पनप रही खीज गुस्सा और कुछ दंगई किसम के लोगो का मिला जुला रूप है..जिसे प्रशासन की लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना व्यवहार और ज्यादा बडा ,विभत्स रूप दे देता है.. हमे दुख है हम आपके दुख मे शामिल है..
अब क्या कहा जाए...हर तीन चार महिने में कोई ना कोई शहर अनायास ही सुलग जाता है।
एक टिप्पणी भेजें